असम के बक्सा जिले में कृषि विज्ञान केन्द्र के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
देश में असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट के सहयोग से 638वां कृषि विज्ञान केन्द्र शुरू हो रहा है। असम कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन-आईसीएआर ने इस निमित समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर उपमहानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. ए के सिक्का, आईसीएआर और असम कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. के एम बुजरबरूआ ने डीएआरई के सचिव डॉ. एस अयप्पन तथा आईसीएआर के महानिदेशक श्री अरविन्द आर कौशल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। कृषि विज्ञान केन्द्र, असम के 15 विकास खंड एवं 687 गांव से युक्त 2400 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में फैले बक्सा जिले में कृषि एवं इससे संबंधित कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य करेगा। यह कृषि विज्ञान केन्द्र गोरेश्वर राजस्व केन्द्र, मोजा कोरभा के गांव धेपरगांव में स्थित है। जिले के कृषि समुदाय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इसका निर्माण किया गया है।
भारत अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति में निर्वाचित
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति में आगामी चार वर्षों (2014-2018) के लिए भारत का चयन हुआ है।
यूनेस्को मुख्यालय, यूनेस्को मुख्यालय, संयुक राष्ट्र शिक्षा, विज्ञानं और सांस्कृतिक संगठन ने पेरिस में 4 जून 2014, को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए कन्वेंशन के सदस्य देशों की महासभा ने भारत का चयन किया। इस चुनाव में सदस्य राज्यों की ओर से कुल 142 मत पड़े थे, जिसमें से 135 मतों से भारत ने चुनाव जीता। इस बार चुनाव मैदान में दस देश थे, जिसमें से भारत को मिले वोटों की संख्या सर्वाधिक अंकित की गई है।
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति के 24 सदस्य हैं और इन्हें चार वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है। समिति का मुख्य कार्य अमूर्त के महत्व के प्रति स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाना है।
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति में भारत का दूसरी बार चयन हुआ है। इससे पहले, 2006-2010 में इसका चयन हुआ था।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।
अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत,
को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है:
विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक
No comments:
Post a Comment