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Saturday, July 9, 2016
वृद्धि दर 8 % अर्जित करने का लक्ष्यः मोदी
वृद्धि दर 8 % अर्जित करने का लक्ष्यः मोदी
नदि तिलक। जोहानिसबर्ग से प्राप्त समाचारों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार देर रात वहां कहा कि भारत आगामी वर्षों में 8 % की वृद्धि दर अर्जित करने के लिए काम कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने देश के उत्थान का श्रेय ‘एच-ओ-पी-ई’ अर्थात समरसता (हारमनी), आशावाद (ऑपटिमज्मि), क्षमता (पोटेंशियल) और ऊर्जा (एनर्जी) को दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था के कुछ सर्वाधिक स्वर्णिम बिंदुओं में से एक है’’ और उन लोगों के लिए ‘‘संभावनाओं की धरती’’ है, जो निवेश और व्यवसाय करना चाहते हैं।
मोदी ने कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक 50 लाख रोजगार सृजित करने के लिए धुंआंधार ढंग से काम कर रही है। इसके अतिरिक्त वह ढांचागत विकास के द्वारा गांवों और शहरी क्षेत्रों का भी कायाकल्प कर रही है। यहां भारतीय समुदाय के प्राय: 11 हजार लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में जब विश्व में मंदी है..भारत ने इस वर्ष 7.6 % की वृद्धि दर अर्जित की है और हम आने वाले वर्षों में इसे 8 % तक ले जाने के लिए काम कर रहे हैं।’’
रंगभेद विरोधी नेता नेल्सन मंडेला की विशेष पहचान मानी जाने वाली ‘मादिबा शर्ट' पहने मोदी ने कहा कि भारत की गतिशीलता केवल शब्दों में नहीं है बल्कि यह ठोस कार्रवाई से संचालित है। उन्होंने कहा, ‘‘यह (गतिशीलता) भारतीय अर्थव्यवस्था का चेहरा बदलने की हमारी प्रतिबद्धता से परिभाषित होती है। न केवल सतत त्वरित आर्थिक वृद्धि के माध्यम बल्कि बहुपक्षीय कायाकल्प के द्वारा भी जिसका लक्ष्य उत्थान है।’’
अपने 40 मिनट के संबोधन में मोदी ने कहा, ‘‘भारत के उत्थान को एच-ओ-पी-ई अर्थात हारमनी (समरसता), ऑप्टिमिजम (आशावाद), पोटेंशियल (क्षमता) और एनर्जी (ऊर्जा) से परिभाषित किया जा सकता है....भारत का उत्थान अद्भुत लोच, नवीन पुनरोत्थान, अद्भुत गति और भव्य स्तर की कहानी है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि उद्यम फले फूलें, व्यवसाय बढ़े और देश आगे बढ़े। उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए हम पहले ही एक नीतिगत ढांचे को आकार दे रहे हैं, जो व्यवसाय, विनिर्माण, नवोन्मेष और विश्व के अन्य देशों के साथ निवेश साझेदारी में भारत की क्षमता को सुदृढ़ करता है।’’ मोदी ने कहा कि उनकी चाह यह सुनिश्चित करना है कि भारत के 80 लाख युवाओं के सपने पूरे होने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल अर्थव्यवस्था या समाज नहीं है, जो आगे दौड़ रहा है बल्कि मानसिकता भी बदल रही है।’’ उन्होंने उपस्थित समुदाय को भारत में विकास की कहानी को वर्णित करते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि आप लोग स्वयं इसे आकर देखें।
दक्षिण अफ्रीका के साथ एक संबंध स्थापित करने का प्रयास करते हुए मोदी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका अपनी आर्थिक समृद्धि, सुरक्षा और संरक्षा के लिए काम कर रहा है तो उसे भारत में एक ‘‘विश्वस्त साथी’’ मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका की चुनौतियां समान हैं और भारत इस देश के प्रयासों में उसके साथ शामिल होने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत और दक्षिण अफ्रीका रणनीतिक साझीदार हैं। हमें एक ऐसी साझेदारी स्थापित करनी चाहिए जिसमें संपूर्ण मानव प्रयास शामिल हो।’’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है और एड्स तथा इबोला जैसी व्याधियों के विरुद्ध संघर्ष भी कुछ अन्य प्राथमिकताएं हैं।
प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि दक्षिण अफ्रीका वह स्थान है जहां महात्मा गांधी ने ‘‘अपनी राजनीतिक अवधारणा बनायी’’ और यह ‘‘सत्याग्रह की जन्मस्थली है।’’ दक्षिण अफ्रीका को महात्मा गांधी की ‘‘कर्मभूमि’’ बताते हुए उन्होने कहा कि इस देश ने ‘‘मोहनदास को महात्मा बना दिया।’’ उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका बहुत प्रिय था क्योंकि उनका मानना था कि इस भूमि पर उनका दूसरा जन्म हुआ है। भारतीय समुदाय के लोगों को ‘‘भारतीय विरासत के गौरवशाली पुत्र और पुत्रियां’’ बताते हुए, उन्होंने कहा कि कई भारतीय मंडेला के साथ जेल गए और रंगभेद के विरुद्ध संघर्ष में अपने प्राणों का बलिदान दिया।
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