फेसबुक वॉल पर मोदी ने लिखा -अहिंसा परमोधर्म, सत्यमेव जयते, वन्देमातरम, माँ के बारे में कहा, "माता यह नहीं देखती बेटा कुछ बन जाये, अपितु बेटा क्या बने कैसे बने उसके लिए सारा जीवन समर्पित कर देती है। महिला सशक्तिकरण पर कहा, विश्व में भगवान पुरुष रूप में है किन्तु भारत में सदा से महिला देवी के स्थान पर पूजी गई हैं। समय के साथ समाज में दोष आये हैं, उन्हें दूर करना है। हमने पिता के साथ माता का नाम भी लिखने की व्यवस्था की है। बैंक राष्ट्रीयकरण के 40 वर्ष में जो नहीं हुआ, अब 100 दिन में 18 करोड़ बैंक खाते खुले हैं। आज विश्व बैंक का भारत के प्रति दृष्टिकोण भी सकारात्मक हुआ। ऐसी अनेक उपलब्धियां गिनाते हुए, अंत में अपने विकास में अपनी माता की भूमिका त्याग का उल्लेख करते भावुक हुए मोदी।
अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक