पश्चिमके कदम सदा लूट केलिए उठे,हमारे पग सदा विश्वकल्याण हेतु आगे बड़े.जिस देश में गए,शोषण नहीं किया अर्थ व्यवस्था को उठाया.ऐसे समाज के प्रति मिडिया दुष्प्रचारसे ऑस्ट्रेलिया जैसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति,अन्यत्र हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है विश्वदर्पण. तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र- तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प- (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :
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Saturday, December 5, 2015

कैलिफोर्निया में इस्लामिक कट्टरवाद झपटा अमरीका पर

कैलिफोर्निया में इस्लामिक कट्टरवाद झपटा अमरीका पर 

अमरीकी सहायता से पलनेवाला पाक कट्टरवाद जब अमरीका पर झपटा। पाकिस्तानी मूल के दंपति के द्वारा कैलिफोर्निया में गोलीबारी की घटना ने पाकिस्तान और इसके मदरसों में कट्टरवाद पर अमरीकी ध्यान खींचा है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तानी नागरिक ताशफीन मलिक और उसके पाकिस्तानी-अमेरिकी पति रिजवान फारूक के पाकिस्तान की कुख्यात लाल मस्जिद के धर्मगुरू मौलाना अब्दुल अजीज से संबंध थे। इन संबंधों से जुड़ी सूचना को लंदन में अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ से साझा किया है।
पाकिस्तान में जन्मी ताशफीन, अपने जीवन में अधिकतर समय सऊदी अरब में रही। पाकिस्तानी मीडिया व एआरआई न्यूज ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा, ''ताशफीन इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के साथ संपर्क में थी।’’ ‘लॉस एंजिलिस टाइम्स’ ने कहा कि पाकिस्तान में अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या ताशफीन के इस्लामी आतंकवादी संगठनों के साथ कोई संबंध थे। ’’ऐसा बताया जाता है कि ताशफीन का परिवार सुन्नी इस्लाम के बरेलवी फिरके का अनुयायी है जिसे आतंकवाद के बजाए आध्यात्मवाद की ओर अधिक झुकाव के लिए जाना जाता है। समाचार पत्र ने कहा, ''किन्तु सूत्रों के अनुसार ऐसी संभावना है कि अपने जीवन का अधिकतर समय सऊदी अरब मे बिताने के बाद, ताशफीन ने इस्लाम के सलाफी: वहाबी फिरके को अपना लिया था।’’ 
 इस समय अमेरिकी सदन की विदेशी मामलों की शक्तिशाली समिति के अध्यक्ष, कांग्रेस के सदस्य एड रॉयस गत सात वर्षों से इस बात की मांग करते आ रहे हैं कि पाकिस्तान कट्टरपंथी इस्लाम पढ़ाने वाले 600 मदरसों को बंद करे। अब ये मांग और गति पकड़ेगी। आग तापने वाले जब स्वयं तपने लगते हैं, जलन का अर्थ, तब समझ में आता है।  
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
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Wednesday, December 18, 2013

देवयानी खोब्रागडे, व अमानवीय अमरीका

देवयानी खोब्रागडे, व अमानवीय अमरीका 
भारतीय विदेश सचिव सुजाता सिंह की कथित अतिसफल वाशिंगटन यात्रा संपन्न होने के अगले ही दिन 
न्यूयार्क में उप महावाणिज्य दूत 1999 भाविसे चयनित देवयानी खोब्रागडे का अमानवीय अपमान भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक दायित्वों व मर्यादा का उलंघन है। तुच्छ से आरोपों के चलते उन्हें प्रत्यक्ष हथकड़ी लगाकर बंदी बना लिया गया। न्यूयार्क में उप महावाणिज्य दूत सहित राजनयिकों के साथ ऐसा व्यवहार के विरुद्ध अमेरिका से कड़ी आपत्ति प्रकट करते हुए, भारत ने इसे ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ कहा है।
 उक्त घटना के बाद उसने कैसे मान लिया भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक संकट पैदा नहीं हो सकता। किन्तु युगदर्पण की दृष्टी में चिंता का उससे भी बड़ा विषय यह है कि इससे भारत को अपमान के कड़वे घूँट पीने पड़ेंगे। जब मानवाधिकारों के हनन के नाम पर दूसरे देशों को दण्डित करने वाला महिला का अपमान व ऐसे अमानवीय कार्य करेगा, अपने लिए दण्ड भी निर्धारित करना चाहिए अन्यथा उसकी स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी व मानवाधिकार के पाखण्ड नंगे हो जायेंगे।
 यदि अमरीका और उसका राष्ट्रपति वास्तव में स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी तथा स्वतंत्रता व मानवाधिकारों का सम्मान करते हैं, तो बिना विलम्ब किये अपनी गलती स्वीकारते हुए क्षमा मांग लेनी चाहिए, क्योंकि गलती स्वीकारने या क्षमा मांगने में ही बड़प्पन है, अकड़ने में नहीं।
बड़प्पन बड़े देश या पद में नहीं, दिल भी बड़ा होना चाहिए। 
अन्यथा अमरीका और उसके राष्ट्रपति को विश्व महाशक्ति के शासक से अधिक राक्षस के रूप में जानेगी।
 तिलक राज रेलन, सम्पादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS -09911111611
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