पश्चिमके कदम सदा लूट केलिए उठे,हमारे पग सदा विश्वकल्याण हेतु आगे बड़े.जिस देश में गए,शोषण नहीं किया अर्थ व्यवस्था को उठाया.ऐसे समाज के प्रति मिडिया दुष्प्रचारसे ऑस्ट्रेलिया जैसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति,अन्यत्र हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है विश्वदर्पण. तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र- तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358.

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बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प- (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Thursday, July 14, 2016

संयुक्त राष्ट्र में भारत की गूँज -

संयुक्त राष्ट्र में भारत की गूँज - 

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में दिया पाक को करारा जवाबतिलक राज रेलन - 
इस बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को किसी मुद्दे पर भारतीय प्रतिनिधि अकबरूद्दीन ने एक अभूतपूर्व उत्तर दिया है। समझा जाता है कि उसे वैसा उत्तर यदि स्वतन्त्र भारत के 67 वर्ष के आरम्भ से कभी मिला होता, तो संभवत: भारत को इतने वर्ष यह आतंकवाद के संकट तथा उससे संघर्ष में इधर उधर नष्ट नहीं करने पड़ते। स्वतन्त्रता के 67 वर्ष बाद भी भारत लुटा पिटा न होता जैसा कि भ्रष्ट काँग्रेस 2014 में छोड़ कर गई है। अकबरूद्दीन इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं। 
कुछ लोग मानते है कि मोदी के आने से जितना संकट भ्रष्ट सोनिया काँग्रेस के अस्तित्व पर आया है, उससे कहीं अधिक पाक समर्थित आतंकियों के अस्तित्व पर आया है। अब तक संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान जो मुद्दे उठाता था, उसका हल्का फुल्का सांकेतिक उत्तर मात्र खानापूर्ति हेतु दे दिया जाता था। जिससे उसे संकेत मिल जाता तुम कुछ भी करते रहो कोई कड़ा विरोध नहीं होगा। पहले तो तुम्हारी गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया जायेगा। फिर यदि तुम भारत में ही आकर भारत का झंडा जलाओगे, यहाँ के लोगों को आतंकित भी करोगे हम चुप रहेंगे। उल्टा जो कश्मीर में भारत का झंडा फहराएगा उसे दण्डित करेंगे। अब तक तो यही सब चला। 
इतना ही नहीं, कभी आतंरिक दबाव में कुछ कार्यवाही करनी भी पड़ी, तो तुम संयुक्त राष्ट्र जैसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं में जाकर मुद्दा उठाओगे, वहाँ ढंग से तुम्हारा विरोध नहीं करेंगे। ऐसा भी संकेत दिया जाता रहा जो अब तक होता आया है। यही कारण है पाकिस्तान सर ही चढ़ गया। अब पुराने ढर्रे पर चलते सदा की भाँति हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की मौत का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने उठाया। किन्तु किन्तु वह भूल गया कि अब तक वहां का सुखद मौसम बदल चुका था। 
जब हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की मौत का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने उठाया तब उस पर कड़ा पलटवार करते हुए भारत ने इसबार तो कहा है कि पाकिस्तान आतंकियों का ‘गुणगान’ करता है और दूसरों के भूभाग के लालच में आतंकवाद का उपयोग उसकी सरकारी नीति है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने पाकिस्तान की दूत मलीहा लोदी की ओर से संयुक्त राष्ट्र महासभा में मानवाधिकारों पर चर्चा के मध्य कश्मीर और वानी की मौत के बारे में उल्लेख किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। 
मलीहा ने अपने वक्तव्य में कश्मीर का तो मुद्दा उठाया ही था, साथ ही साथ उसे ‘कश्मीरी नेता’ बताया और भारतीय बलों द्वारा वानी की ‘न्यायेत्तर हत्या’ का भी उल्लेख किया। जबकि विश्व में कहीं भी प्राकृतिक आपदा में भारत की सेना ही सहायता करती है। अकबरूद्दीन के वक्तव्य को सूत्रों ने पाकिस्तान को अब तक दिया गया सबसे करारा उत्तर माना है। अकबरूद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों का गुणगान करता है और इसे इसके ‘विगत इतिहास’ के कारण ही अब तक संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन में सदस्यता नहीं मिल सकी है। बहुपक्षीय वैश्विक संस्था में कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए मलीहा पर बरसते हुए अकबरूद्दीन ने कहा कि यह खेदजनक है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का ‘दुरूपयोग’ करने का प्रयास किया। 
अकबरूद्दीन का वक्तव्य 
अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘अफसोस है कि आज हमने संयुक्त राष्ट्र मंच के दुरूपयोग का प्रयास होते देखा। यह प्रयास पाकिस्तान ने किया, एक ऐसा देश जो दूसरों के भूभाग का लालच करता है, एक ऐसा देश जो दिग्भ्रमित लक्ष्य की पूर्ति हेतु आतंकवाद को एक सरकारी नीति के रूप में इस्तेमाल करता है, एक ऐसा देश जो आतंकियों का गुणगान करता है और संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए लोगों को पनाहगाह उपलब्ध करवाता है। यह एक ऐसा देश है जो मानवाधिकारों और स्वाधीनता का स्वांग रचता है।’’ अकबरूद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाने में विफल रहा है कि उसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के इसी सत्र में मानवाधिकार परिषद की सदस्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय लंबे समय से ऐसे मंसूबे, स्वार्थी कोशिशें देखता आया है। ऐसी ही एक कोशिश आज सुबह हुई। इन्हें इस मंच में या संयुक्त राष्ट्र में कहीं और कोई तवज्जो नहीं मिली।’’ 
उन्होंने कहा कि एक ‘‘विविध, बहुलतावादी और सहिष्णु’’ समाज होने के नाते कानून के शासन, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता उसके मूल सिद्धांतों में है। तथा कहा, ‘‘हम वार्ता और सहयोग के जरिए सभी के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए और उसकी सुरक्षा करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं।’’ गत सप्ताह हुई वानी की हत्या के बाद से प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़पों में कम से कम 30 लोग मारे गए हैं और 250 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर की तनावपूर्ण स्थिति पर चिंता प्रकट की है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने ‘‘सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने की अपील की है ताकि और अधिक हिंसा से बचा जा सके। उन्होंने आशा जताई कि सभी चिंताओं का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से किया जाएगा।’’ बान के प्रवक्ता ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख कश्मीर की वर्तमान झड़पों को ध्यान से देख रहे हैं और उन्हें दर्जनों लोगों के प्राण गँवाने और बहुत से लोगों के घायल हो जाने का ‘खेद’ है। 
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, 
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक 

http://raashtradarpan.blogspot.in/2016/07/blog-post_14.html
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जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक 

Saturday, July 9, 2016

वृद्धि दर 8 % अर्जित करने का लक्ष्यः मोदी

वृद्धि दर 8 % अर्जित करने का लक्ष्यः मोदी 
आठ फीसदी की वृद्धि दर हासिल करने का लक्ष्यः मोदीनदि तिलक। जोहानिसबर्ग से प्राप्त समाचारों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार देर रात वहां कहा कि भारत आगामी वर्षों में 8 % की वृद्धि दर अर्जित करने के लिए काम कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने देश के उत्थान का श्रेय ‘एच-ओ-पी-ई’ अर्थात समरसता (हारमनी), आशावाद (ऑपटिमज्मि), क्षमता (पोटेंशियल) और ऊर्जा (एनर्जी) को दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था के कुछ सर्वाधिक स्वर्णिम बिंदुओं में से एक है’’ और उन लोगों के लिए ‘‘संभावनाओं की धरती’’ है, जो निवेश और व्यवसाय करना चाहते हैं। 
मोदी ने कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक 50 लाख रोजगार सृजित करने के लिए धुंआंधार ढंग से काम कर रही है। इसके अतिरिक्त वह ढांचागत विकास के द्वारा गांवों और शहरी क्षेत्रों का भी कायाकल्प कर रही है। यहां भारतीय समुदाय के प्राय: 11 हजार लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में जब विश्व में मंदी है..भारत ने इस वर्ष 7.6 % की वृद्धि दर अर्जित की है और हम आने वाले वर्षों में इसे 8 % तक ले जाने के लिए काम कर रहे हैं।’’ 
रंगभेद विरोधी नेता नेल्सन मंडेला की विशेष पहचान मानी जाने वाली ‘मादिबा शर्ट' पहने मोदी ने कहा कि भारत की गतिशीलता केवल शब्दों में नहीं है बल्कि यह ठोस कार्रवाई से संचालित है। उन्होंने कहा, ‘‘यह (गतिशीलता) भारतीय अर्थव्यवस्था का चेहरा बदलने की हमारी प्रतिबद्धता से परिभाषित होती है। न केवल सतत त्वरित आर्थिक वृद्धि के माध्यम बल्कि बहुपक्षीय कायाकल्प के द्वारा भी जिसका लक्ष्य उत्थान है।’’ 
अपने 40 मिनट के संबोधन में मोदी ने कहा, ‘‘भारत के उत्थान को एच-ओ-पी-ई अर्थात हारमनी (समरसता), ऑप्टिमिजम (आशावाद), पोटेंशियल (क्षमता) और एनर्जी (ऊर्जा) से परिभाषित किया जा सकता है....भारत का उत्थान अद्भुत लोच, नवीन पुनरोत्थान, अद्भुत गति और भव्य स्तर की कहानी है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि उद्यम फले फूलें, व्यवसाय बढ़े और देश आगे बढ़े। उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए हम पहले ही एक नीतिगत ढांचे को आकार दे रहे हैं, जो व्यवसाय, विनिर्माण, नवोन्मेष और विश्व के अन्य देशों के साथ निवेश साझेदारी में भारत की क्षमता को सुदृढ़ करता है।’’ मोदी ने कहा कि उनकी चाह यह सुनिश्चित करना है कि भारत के 80 लाख युवाओं के सपने पूरे होने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल अर्थव्यवस्था या समाज नहीं है, जो आगे दौड़ रहा है बल्कि मानसिकता भी बदल रही है।’’ उन्होंने उपस्थित समुदाय को भारत में विकास की कहानी को वर्णित करते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि आप लोग स्वयं इसे आकर देखें। 
दक्षिण अफ्रीका के साथ एक संबंध स्थापित करने का प्रयास करते हुए मोदी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका अपनी आर्थिक समृद्धि, सुरक्षा और संरक्षा के लिए काम कर रहा है तो उसे भारत में एक ‘‘विश्वस्त साथी’’ मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका की चुनौतियां समान हैं और भारत इस देश के प्रयासों में उसके साथ शामिल होने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत और दक्षिण अफ्रीका रणनीतिक साझीदार हैं। हमें एक ऐसी साझेदारी स्थापित करनी चाहिए जिसमें संपूर्ण मानव प्रयास शामिल हो।’’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है और एड्स तथा इबोला जैसी व्याधियों के विरुद्ध संघर्ष भी कुछ अन्य प्राथमिकताएं हैं। 
प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि दक्षिण अफ्रीका वह स्थान है जहां महात्मा गांधी ने ‘‘अपनी राजनीतिक अवधारणा बनायी’’ और यह ‘‘सत्याग्रह की जन्मस्थली है।’’ दक्षिण अफ्रीका को महात्मा गांधी की ‘‘कर्मभूमि’’ बताते हुए उन्होने कहा कि इस देश ने ‘‘मोहनदास को महात्मा बना दिया।’’ उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका बहुत प्रिय था क्योंकि उनका मानना था कि इस भूमि पर उनका दूसरा जन्म हुआ है। भारतीय समुदाय के लोगों को ‘‘भारतीय विरासत के गौरवशाली पुत्र और पुत्रियां’’ बताते हुए, उन्होंने कहा कि कई भारतीय मंडेला के साथ जेल गए और रंगभेद के विरुद्ध संघर्ष में अपने प्राणों का बलिदान दिया। 
https://www.youtube.com/watch?v=bmhpWHfGzXU&list=PL92F13DC86EB68717&index=77
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Tuesday, May 31, 2016

How the Fake Book Torture its Users ( unseen curses)

How the Fake Book Torture its Users ( unseen curses)
I wanted to Share my post from Blogspot to Face book, It says verify your Identity as If I am withdrawing a billion Dollar from a bank, in the name of security check.  Can See the example.
Please complete a security check 
Image result for mark zuckerberg
Select one option
Please choose one of the following methods to confirm your identity:
It suggests Select one Option further Adds, Please choose one of the following methods to confirm your identity: 
but Can anybody on the Planet earth see any Option ?
Now comes Its verification Process, Identify Photos of friends, Is it showing the Photos of friends ?
No, It will show Photos Posted by some friend out of Hundred Posts, many are Shared and Tagged thus repeated several Times, Only computer can tell Photo originally Posted by A B C or X Y Z.
I Challenge, Let us Ask Mr Mark Zuckerberg to Identify any photo Published in his Face book, If he fails Face book be a Fake book, and given a second Chance and failing this Time He will not be able to Identify the photo, As he Blocks the User from his FB Account where one earned the Faith of some friends, Mark must loose all Rights including ownership of FB.
Whenever I post one or Two Posts and try to tag my friends, asked to verify photos, So annoying, to create an hurdle in path of smooth use by a user account. If you don't want users to work on Fake book then Wind it up, Why such a show off ?
On this point Orkut was far better, about hurdle-free smooth working.
FB Friendship earned by reputation, is to be preserved, It is your moral duty. By blocking You deprived me of my contacts. Don't you think it as an Harassment and You have no Right of Bullying a user of FB.
In a similar attempt an account Tilak Raj Relan from New Delhi, which earned a friendship of 1200 was eaten away by you about 4- 5 years ago. Then I had to open a new account, which means a new Start up. I post 100 times to get a hundred friends, (Fans) Hard earned, Can You money maker ever understand the value of friendship.
Level of my reputation may differ from your reputation, but I Too have some, and You have no Right to shake mine. Mind it MZ. You are Younger than my son, so I advise you not to Play this game.
Now if you can Reactivate Tilak Raj Relan from New Delhi, 2010 account with 1200 friend list.
In the meantime Mobile no recorded there 9911111611 is also lost. new no is 7838468776. pl.
अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक VDMS 30 blogs vivid subjects covering every aspect of life. 

Sunday, May 29, 2016

एनएसजी (प.आ.स.) सदस्यता के भारतीय प्रयास को अमेरिकी समर्थन

एनएसजी (प.आ.स.) सदस्यता के भारतीय प्रयास को अमेरिकी समर्थन 

एनएसजी सदस्यता के भारतीय प्रयास को अमेरिकी समर्थनन दि, 28 मई (तिलक)। वाशिंगटन में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (प.आ.स./एनएसजी) का सदस्य बनने के भारत के प्रयास का विरोध कर रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने झिड़कते हुए कहा है कि यह हथियारों की दौड़ के बारे में नहीं, बल्कि परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के बारे में है। अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह हथियारों की दौड़ के बारे में नहीं है और यह परमाणु हथियारों के बारे में भी नहीं है। यह परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण असैन्य उपयोग के बारे में है, और इसलिए हम निश्चित रूप से आशा करेंगे कि पाकिस्तान इसे समझेगा।’’ 
वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (प.आ.स.) की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन और पाकिस्तान द्वारा इसका विरोध किए जाने के बारे में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। पाकिस्तान का कहना है कि प.आ.स. में भारत की सदस्यता से क्षेत्र में परमाणु हथियारों की दौड़ बढ़ेगी। जबकि, अमेरिका ने 48 सदस्यीय प.आ.स. की महत्वपूर्ण बैठक से पूर्व कहा है कि वह चाहता है कि भारत के प्रयास में कोई बाधा न आए। 
जबकि अमेरिका 48 देशों वाले प.आ.स. की महत्ती बैठक से पूर्व सब कुछ अच्छा होने की कामना कर रहा है। टोनर ने कहा, ‘‘देखिए, मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि राष्ट्रपति बराक ओबामा की वर्ष 2015 में हुई भारत यात्रा के मध्य उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि अमेरिका मानता है कि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था की अनिवार्यताओं को पूरा करता है और सदस्यता के लिए तैयार है। किन्तु यह एक सर्वसम्मति वाली संस्था है इसलिए हम प्रतीक्षा करेंगे और देखेंगे कि मत किस ओर जाते हैं।’' 
उन्होंने कहा, ‘‘एनएसजी में नए सदस्यों के शामिल होने की संभावनाओं पर चर्चा वर्तमान सदस्यों का आंतरिक मामला है। मुझे लगता है कि वे नियमित रूप से बैठकें करते हैं और इससे आगे मुझे कुछ नहीं कहना है।’’ प.आ.स. की आगामी बैठक इस उद्देश्य के लिए नहीं रखी गई है। टोनर ने कहा, ‘‘यह कोई विशेष बैठक नहीं है। मेरा मानना है कि इसे प्रमुख रूप से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नहीं बुलाया गया है।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने अपनी रूचि को सार्वजनिक कर दिया है और निश्चित रूप से कोई भी देश सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। हम सर्वसम्मति से लिए निर्णय के आधार पर ध्यान करेंगे।’' 
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Tuesday, April 26, 2016

भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय वार्ता

भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय वार्ता 
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिव के बीच आज मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता, जिसमें पठानकोट आक्रमण की जांच और इस मामले में राजनीतिज्ञों के बीच प्रथम वार्ता में विलम्ब पर बातचीत हुई। पाकिस्तान ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे पर यूएनएससी के अनुसार समाधान की आवश्यकता है। विदेश सचिव एस. जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष  अजीज अहमद चौधरी ने इस मामले में बातचीत को लेकर विलम्ब को माना है। 
सूत्रों के अनुसार, बातचीत में मुख्य ध्यान पठानकोट आतंकी आक्रमण की जांच और इस संबंध में एनआईए की टीम के संभावित पाकिस्तान यात्रा पर दिया जाएगा। गत वर्ष दिसंबर में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के इस्लामाबाद में सीबीडी की घोषणा करने के बाद से जयशंकर और चौधरी के बीच यह पहली औपचारिक बैठक है। दोनों सचिवों ने इस वर्ष मार्च में नेपाल में दक्षेस की एक बैठक के मध्य कुछ देर के लिए अनौपचारिक रूप से बातचीत की थी। 
जनवरी माह में पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकी आक्रमण के बाद विदेश सचिव स्तर पर सीबीडी बहाल करने के प्रयासों में गतिरोध आ गया था। भारत का कहना है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने आक्रमण को कार्यरूप दिया। ध्यान रहे कि पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी मुख्य रूप से ‘हार्ट ऑफ एशिया के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक’ में भाग लेने के लिए एक दिन के प्रवास पर यहां पहुंचे। 
आतंकवाद पर चर्चा में कश्मीर की शर्त रखना ही स्वीकृति है कि कश्मीर की मांग मनवाने के लिए आतंकवाद से धमकाया जा रहा है। अर्थात जब कश्मीर दोगे, तब हम शांत होंगे। यदि चर्चा करनी है तो पाक की नापाक जेलों में अवैध रोके भारतीय युवाओं पर करें -तिलक
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Saturday, December 5, 2015

कैलिफोर्निया में इस्लामिक कट्टरवाद झपटा अमरीका पर

कैलिफोर्निया में इस्लामिक कट्टरवाद झपटा अमरीका पर 

अमरीकी सहायता से पलनेवाला पाक कट्टरवाद जब अमरीका पर झपटा। पाकिस्तानी मूल के दंपति के द्वारा कैलिफोर्निया में गोलीबारी की घटना ने पाकिस्तान और इसके मदरसों में कट्टरवाद पर अमरीकी ध्यान खींचा है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तानी नागरिक ताशफीन मलिक और उसके पाकिस्तानी-अमेरिकी पति रिजवान फारूक के पाकिस्तान की कुख्यात लाल मस्जिद के धर्मगुरू मौलाना अब्दुल अजीज से संबंध थे। इन संबंधों से जुड़ी सूचना को लंदन में अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ से साझा किया है।
पाकिस्तान में जन्मी ताशफीन, अपने जीवन में अधिकतर समय सऊदी अरब में रही। पाकिस्तानी मीडिया व एआरआई न्यूज ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा, ''ताशफीन इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के साथ संपर्क में थी।’’ ‘लॉस एंजिलिस टाइम्स’ ने कहा कि पाकिस्तान में अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या ताशफीन के इस्लामी आतंकवादी संगठनों के साथ कोई संबंध थे। ’’ऐसा बताया जाता है कि ताशफीन का परिवार सुन्नी इस्लाम के बरेलवी फिरके का अनुयायी है जिसे आतंकवाद के बजाए आध्यात्मवाद की ओर अधिक झुकाव के लिए जाना जाता है। समाचार पत्र ने कहा, ''किन्तु सूत्रों के अनुसार ऐसी संभावना है कि अपने जीवन का अधिकतर समय सऊदी अरब मे बिताने के बाद, ताशफीन ने इस्लाम के सलाफी: वहाबी फिरके को अपना लिया था।’’ 
 इस समय अमेरिकी सदन की विदेशी मामलों की शक्तिशाली समिति के अध्यक्ष, कांग्रेस के सदस्य एड रॉयस गत सात वर्षों से इस बात की मांग करते आ रहे हैं कि पाकिस्तान कट्टरपंथी इस्लाम पढ़ाने वाले 600 मदरसों को बंद करे। अब ये मांग और गति पकड़ेगी। आग तापने वाले जब स्वयं तपने लगते हैं, जलन का अर्थ, तब समझ में आता है।  
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
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Tuesday, November 17, 2015

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन 
युगदर्पण समाचार 
17 नवंबर 2015    गुड़गांव 

अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों और बाद के दिनों में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विहिप शिखर पुरुष अशोक सिंघल जी का आज यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डा प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सांस संबंधी और अन्य परेशानियों के बाद पिछले शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए, सिंघल का हृदय गति रूकने और सेप्टीसीमिया के कारण दिन में दो बजकर 24 मिनट पर निधन हो गया। 
श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के कर्णधार, श्रीराम मंदिर के शिल्पकार, हिन्दू ह्रदय सम्राट के सम्बोधन से जाने जाते एवं आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे सिंघल ने, दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आक्रामक शैली अपनायी थी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक, सिंघल ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में संगठन को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में समर्थक बनाकर और शाखाएं लगाकर, इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की। विहिप के अभियान में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके पूर्व मीनाक्षीपुरम में कथित कुलीन हिन्दुओं द्वारा मन्दिर प्रवेश रोकने की घटना के बाद सामूहिक धर्मान्तरण से हिलती समाज की नींव उस एक युगपुरुष को ऐसा झंझोड़ गई थी कि उसे धातु विज्ञान से समाज उत्थान की ओर मोड़ दृष्टी व ध्येय से युक्त साधक बना दिया। वहां जिनके लिए मंदिर के द्वार बंद हो चुके थे, 200 से अधिक मंदिर बनवा कर घर वापसी का मार्ग प्रशस्त कर समाज को एक नई दिशा दी। 
मुगलों अंग्रेजों व काले अंग्रेजों के शासन की मार से बीमार समाज की पीड़ाओं का उपचार करते करते वो साधक स्वयं राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद, सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल ने सोमवार को बताया था कि सांस संबंधी, तंत्रिका विज्ञान, गुर्दा, एंडोक्रीनोलॉजी विशेषज्ञों वाली एक टीम सिंह के उपचार में लगी थी। हिन्दू समाज का उपचारक जब रुग्ण था, चिकित्सक उसे बचा न सके। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे, जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की।’’ उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि अशोकजी का उन्हें हमेशा आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों को मेरी संवेदनाएं।’’ प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि अशोक सिंघल कई अनूठी चीजों और सामाजिक कार्यों के प्रेरणास्रोत थे, जिनका फायदा गरीबों को मिला। ‘वह पीढियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’
सिंघल के पार्थिव शरीर को, रात में मध्य दिल्ली में झंडेवालान में आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा। तोगड़िया ने बताया कि बुधवार दिन में तीन बजे तक वहां उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा, जिससे कि लोग अंतिम दर्शन कर सके। इसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
आगरा में दो अक्तूबर 1926 को जन्मे सिंघल ने वर्ष 1950 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी’ से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। वह वर्ष 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे, लेकिन स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वह पूर्णकालिक प्रचारक बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर काम किया और दिल्ली तथा हरियाणा के प्रांत प्रचारक बने। वर्ष 1980 में उन्हें विहिप में जिम्मेदारी देते हुए इसका संयुक्त महासचिव बनाया गया। वर्ष 1984 में वह इसके महासचिव बने और बाद में इसके कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया। इस पद पर वह दिसंबर 2011 तक रहे।
नकारात्मक मीडिया के लिए यह मात्र एक समाचार है किन्तु भारत और हिंदुत्व के लिए अपूरणीय क्षति की घडी है। विहिप को भले तोगड़िया के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने पर भी अशोक जी का स्थान भर लिया जाये किन्तु उनके कार्य, उनका स्मरण कर सपनो को साकार हम करते रहेंगे, यही हमारी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। परमात्मा समाज पर पड़ी समय की धूल को साफ करने ऐसे प्रेरणा पुञ्ज भेजते रहें। वन्दे -
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अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक