अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक
Saturday, December 5, 2015
कैलिफोर्निया में इस्लामिक कट्टरवाद झपटा अमरीका पर
कैलिफोर्निया में इस्लामिक कट्टरवाद झपटा अमरीका पर
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अमरीकी सहायता से पलनेवाला पाक कट्टरवाद जब अमरीका पर झपटा। पाकिस्तानी मूल के दंपति के द्वारा कैलिफोर्निया में गोलीबारी की घटना ने पाकिस्तान और इसके मदरसों में कट्टरवाद पर अमरीकी ध्यान खींचा है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तानी नागरिक ताशफीन मलिक और उसके पाकिस्तानी-अमेरिकी पति रिजवान फारूक के पाकिस्तान की कुख्यात लाल मस्जिद के धर्मगुरू मौलाना अब्दुल अजीज से संबंध थे। इन संबंधों से जुड़ी सूचना को लंदन में अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ से साझा किया है।
पाकिस्तान में जन्मी ताशफीन, अपने जीवन में अधिकतर समय सऊदी अरब में रही। पाकिस्तानी मीडिया व एआरआई न्यूज ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा, ''ताशफीन इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के साथ संपर्क में थी।’’ ‘लॉस एंजिलिस टाइम्स’ ने कहा कि पाकिस्तान में अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या ताशफीन के इस्लामी आतंकवादी संगठनों के साथ कोई संबंध थे। ’’ऐसा बताया जाता है कि ताशफीन का परिवार सुन्नी इस्लाम के बरेलवी फिरके का अनुयायी है जिसे आतंकवाद के बजाए आध्यात्मवाद की ओर अधिक झुकाव के लिए जाना जाता है। समाचार पत्र ने कहा, ''किन्तु सूत्रों के अनुसार ऐसी संभावना है कि अपने जीवन का अधिकतर समय सऊदी अरब मे बिताने के बाद, ताशफीन ने इस्लाम के सलाफी: वहाबी फिरके को अपना लिया था।’’
इस समय अमेरिकी सदन की विदेशी मामलों की शक्तिशाली समिति के अध्यक्ष, कांग्रेस के सदस्य एड रॉयस गत सात वर्षों से इस बात की मांग करते आ रहे हैं कि पाकिस्तान कट्टरपंथी इस्लाम पढ़ाने वाले 600 मदरसों को बंद करे। अब ये मांग और गति पकड़ेगी। आग तापने वाले जब स्वयं तपने लगते हैं, जलन का अर्थ, तब समझ में आता है।
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादकअन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक
Tuesday, November 17, 2015
विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन
विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन
युगदर्पण समाचार
17 नवंबर 2015 गुड़गांव
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युगदर्पण समाचार
17 नवंबर 2015 गुड़गांव
अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों और बाद के दिनों में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विहिप शिखर पुरुष अशोक सिंघल जी का आज यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डा प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सांस संबंधी और अन्य परेशानियों के बाद पिछले शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए, सिंघल का हृदय गति रूकने और सेप्टीसीमिया के कारण दिन में दो बजकर 24 मिनट पर निधन हो गया।
श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के कर्णधार, श्रीराम मंदिर के शिल्पकार, हिन्दू ह्रदय सम्राट के सम्बोधन से जाने जाते एवं आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे सिंघल ने, दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आक्रामक शैली अपनायी थी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक, सिंघल ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में संगठन को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में समर्थक बनाकर और शाखाएं लगाकर, इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की। विहिप के अभियान में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके पूर्व मीनाक्षीपुरम में कथित कुलीन हिन्दुओं द्वारा मन्दिर प्रवेश रोकने की घटना के बाद सामूहिक धर्मान्तरण से हिलती समाज की नींव उस एक युगपुरुष को ऐसा झंझोड़ गई थी कि उसे धातु विज्ञान से समाज उत्थान की ओर मोड़ दृष्टी व ध्येय से युक्त साधक बना दिया। वहां जिनके लिए मंदिर के द्वार बंद हो चुके थे, 200 से अधिक मंदिर बनवा कर घर वापसी का मार्ग प्रशस्त कर समाज को एक नई दिशा दी।
मुगलों अंग्रेजों व काले अंग्रेजों के शासन की मार से बीमार समाज की पीड़ाओं का उपचार करते करते वो साधक स्वयं राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद, सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल ने सोमवार को बताया था कि सांस संबंधी, तंत्रिका विज्ञान, गुर्दा, एंडोक्रीनोलॉजी विशेषज्ञों वाली एक टीम सिंह के उपचार में लगी थी। हिन्दू समाज का उपचारक जब रुग्ण था, चिकित्सक उसे बचा न सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे, जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की।’’ उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि अशोकजी का उन्हें हमेशा आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों को मेरी संवेदनाएं।’’ प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि अशोक सिंघल कई अनूठी चीजों और सामाजिक कार्यों के प्रेरणास्रोत थे, जिनका फायदा गरीबों को मिला। ‘वह पीढियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’
सिंघल के पार्थिव शरीर को, रात में मध्य दिल्ली में झंडेवालान में आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा। तोगड़िया ने बताया कि बुधवार दिन में तीन बजे तक वहां उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा, जिससे कि लोग अंतिम दर्शन कर सके। इसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
आगरा में दो अक्तूबर 1926 को जन्मे सिंघल ने वर्ष 1950 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी’ से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। वह वर्ष 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे, लेकिन स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वह पूर्णकालिक प्रचारक बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर काम किया और दिल्ली तथा हरियाणा के प्रांत प्रचारक बने। वर्ष 1980 में उन्हें विहिप में जिम्मेदारी देते हुए इसका संयुक्त महासचिव बनाया गया। वर्ष 1984 में वह इसके महासचिव बने और बाद में इसके कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया। इस पद पर वह दिसंबर 2011 तक रहे।
नकारात्मक मीडिया के लिए यह मात्र एक समाचार है किन्तु भारत और हिंदुत्व के लिए अपूरणीय क्षति की घडी है। विहिप को भले तोगड़िया के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने पर भी अशोक जी का स्थान भर लिया जाये किन्तु उनके कार्य, उनका स्मरण कर सपनो को साकार हम करते रहेंगे, यही हमारी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। परमात्मा समाज पर पड़ी समय की धूल को साफ करने ऐसे प्रेरणा पुञ्ज भेजते रहें। वन्दे -
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9910774607, 01125835525.नकारात्मक मीडिया के लिए यह मात्र एक समाचार है किन्तु भारत और हिंदुत्व के लिए अपूरणीय क्षति की घडी है। विहिप को भले तोगड़िया के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने पर भी अशोक जी का स्थान भर लिया जाये किन्तु उनके कार्य, उनका स्मरण कर सपनो को साकार हम करते रहेंगे, यही हमारी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। परमात्मा समाज पर पड़ी समय की धूल को साफ करने ऐसे प्रेरणा पुञ्ज भेजते रहें। वन्दे -
अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक
Monday, September 28, 2015
फेसबुक के बाद अब मोदी गूगल में
फेसबुक के बाद अब मोदी गूगल में
अधिक से अधिक भारतियों को इंटरनेट से जोड़ने की एक पहल - 1 करोड़ रेल यात्रियों प्रतिदिन से शुभारम्भ
जब मैं एक छात्र था, मैं चेन्नई सेंट्रल स्टेशन (तब मद्रास सेंट्रल के रूप में जाना जाता था) से आईआईटी खड़गपुर की दिन की रेल यात्रा पसंद करता था । मुझे विभिन्न स्टेशनों पर उन्मत्त ऊर्जा की याद आज भी ताजा है और मैं भारतीय रेल के अविश्वसनीय स्तर और विस्तार पर अचम्भा करता था ।
मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि ये भारत के रेलवे स्टेशन हैं, जो करोड़ों लोगों को ऑनलाइन लाने में सहायता करेंगे। गत वर्ष, भारत में 10 करोड़ लोगों ने पहली बार इंटरनेट उपयोग शुरू किया है। इसका अर्थ यह है कि भारत में अब चीन को छोड़ कर हर देश से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। किन्तु चौंकाने वाली बात ये है कि भारत में अभी भी 100 करोड़ से अधिक लोग ऑनलाइन नहीं हैं।
हम इन 100 करोड़ भारतवासियों को ऑनलाइन लाने में सहयोग करना चाहते हैं - ताकि उन्हें पूरे वेब तक पहुँच मिल सके और वहां उपलब्ध जानकारी और अवसर भी । और किसी पुराने 'कनेक्शन' से नहीं - तेज़ 'ब्रॉडबैंड' से ताकि वे वेब का सबसे अच्छा अनुभव कर सकें । इसलिए आज, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हमारे U.S. मुख्यालय में उपस्थित होने के अवसर पर और उनकी डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप, हमने भारत भर में 400 रेलवे स्टेशनों में सार्वजनिक उच्च गति वाई-फाई उपलब्ध कराने के लिए एक नई परियोजना की घोषणा की है।
हमारी पहुंच और ऊर्जा टीम की, भारतीय रेलवेज, जो कि विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्कों में से एक चला रही है और रेलटेल, जो व्यापक फाइबर नेटवर्क के माध्यम से "रेलवायर" जैसी इंटरनेट सेवाएं प्रदान करता है, के साथ काम करते हुए आने वाले महीनों में पहले स्टेशनों को ऑनलाइन लाने की योजना है। यह नेटवर्क 2016 के अंत से पहले भारत में सबसे व्यस्त स्टेशनों में से 100 को कवर करने के लिए तेजी से विस्तार करेगा, और उसके बाद शीघ्र ही शेष स्टेशन कवर होंगे।
जब मात्र पहले 100 स्टेशन ऑनलाइन होंगे, तब भी इस परियोजना के माध्यम से हर दिन 1 करोड़ से अधिक लोगों के लिए वाई-फाई उपलब्ध होगा। यह भारत में सबसे बड़ी सार्वजनिक वाई-फाई परियोजना होगी और संभावित उपयोगकर्ताओं की संख्या के दृष्टी से विश्व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में गिनी जाएगी । यह वाई-फाई तेज़ भी होगा - भारत में अधिकतम लोग आज जो उपयोग करते हैं, उसकी तुलना में कई गुना तेज़ । इस से यात्री जितनी देर प्रतीक्षा कर रहे हैं, उतनी देर में एक उच्च परिभाषा ,वीडियो स्ट्रीम, कर पाएंगे, अपने गंतव्य के बारे में कुछ अनुसंधान कर पाएंगे या कुछ वीडियो, एक पुस्तक या एक नया खेल डाउनलोड कर पाएंगे। सबसे अच्छी बात, यह सेवा आरम्भ में निशुल्क होगी और भविष्य में इसे आत्मनिर्भर बनाने का दीर्घकालीन लक्ष्य है, ताकि रेलटेल और अधिक भागीदारों के साथ अधिक स्टेशनों और अन्य स्थानों में इसका विस्तार किया जा सके।
हमें लगता है कि यह 30 करोड़ से अधिक भारतीय जो पहले से ही ऑनलाइन हैं और लगभग एक अरब से अधिक है जो नहीं हैं, उनके लिए इंटरनेट को सुलभ और उपयोगी बनाने का एक महत्वपूर्ण भाग है।
पर यह मात्र एक अंश है । अधिक भारतीयों को सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाले 'स्मार्टफोन्स' प्राप्त करने के लिए, जो अधिकतम लोगों के लिए इंटरनेट का उपयोग प्राथमिक प्रयास है, हमने गत वर्ष एंड्राइड वन फ़ोन लांच किया था । सीमित बैंडविड्थ की चुनौतियों से निपटने में सहायता करने के लिए, हम हाल ही में मोबाइल वेब पृष्ठों को तेजी से और कम डेटा के साथ लोड करने की सुविधा लाये हैं, यूट्यूब ऑफ़लाइन उपलब्ध बनाया है और ऑफलाइन मैप्स जल्द ही आने वाला है।
भारतीयों, जिनमे से कई अंग्रेजी नहीं बोलते, के लिए वेब सामग्री और अधिक उपयोगी बनाने में सहायता करने के लिए और अधिक स्थानीय भाषा की सामग्री को बढ़ावा देने के लिए हमने गत वर्ष भारतीय भाषा इंटरनेट एलायंस प्रस्तुत किया है, और हमारे उत्पादों में अधिक से अधिक स्थानीय भाषा समर्थन का निर्माण किया है - हिंदी वॉयस खोज, उन्नत हिंदी कीबोर्ड और एंड्राइड के नवीनतम संस्करण में सात भारतीय भाषाओं के लिए समर्थन में सुधार । और अंत में, सभी भारतीयों को कनेक्टिविटी का लाभ लेने में मदद करने के लिए, हमने महिलाओं, जो कि आज भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का सिर्फ एक तिहाई भाग हैं, की सहायता करने में अपने प्रयास और तेज़ किये हैं, ताकि वे वेब से अधिकतम लाभ उठा सकें।
हज़ारों युवा भारतीय हर दिन चेन्नई सेंट्रल से निकलते हैं, जैसे मैं कई वर्ष पूर्व निकलता था, सीखने और जानने के लिए उत्सुक, और अवसर की खोज में । मेरी आशा है कि यह वाई-फाई परियोजना इन सब बातों को थोड़ा आसान कर देगी।
सुन्दर पिचई, सीईओ, गूगल के द्वारा प्रकाशित
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक, 7531949051
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता
व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली
जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक
अधिक से अधिक भारतियों को इंटरनेट से जोड़ने की एक पहल - 1 करोड़ रेल यात्रियों प्रतिदिन से शुभारम्भ
जब मैं एक छात्र था, मैं चेन्नई सेंट्रल स्टेशन (तब मद्रास सेंट्रल के रूप में जाना जाता था) से आईआईटी खड़गपुर की दिन की रेल यात्रा पसंद करता था । मुझे विभिन्न स्टेशनों पर उन्मत्त ऊर्जा की याद आज भी ताजा है और मैं भारतीय रेल के अविश्वसनीय स्तर और विस्तार पर अचम्भा करता था ।
आज गूगलप्लेक्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि ये भारत के रेलवे स्टेशन हैं, जो करोड़ों लोगों को ऑनलाइन लाने में सहायता करेंगे। गत वर्ष, भारत में 10 करोड़ लोगों ने पहली बार इंटरनेट उपयोग शुरू किया है। इसका अर्थ यह है कि भारत में अब चीन को छोड़ कर हर देश से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। किन्तु चौंकाने वाली बात ये है कि भारत में अभी भी 100 करोड़ से अधिक लोग ऑनलाइन नहीं हैं।
हम इन 100 करोड़ भारतवासियों को ऑनलाइन लाने में सहयोग करना चाहते हैं - ताकि उन्हें पूरे वेब तक पहुँच मिल सके और वहां उपलब्ध जानकारी और अवसर भी । और किसी पुराने 'कनेक्शन' से नहीं - तेज़ 'ब्रॉडबैंड' से ताकि वे वेब का सबसे अच्छा अनुभव कर सकें । इसलिए आज, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हमारे U.S. मुख्यालय में उपस्थित होने के अवसर पर और उनकी डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप, हमने भारत भर में 400 रेलवे स्टेशनों में सार्वजनिक उच्च गति वाई-फाई उपलब्ध कराने के लिए एक नई परियोजना की घोषणा की है।
हमारी पहुंच और ऊर्जा टीम की, भारतीय रेलवेज, जो कि विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्कों में से एक चला रही है और रेलटेल, जो व्यापक फाइबर नेटवर्क के माध्यम से "रेलवायर" जैसी इंटरनेट सेवाएं प्रदान करता है, के साथ काम करते हुए आने वाले महीनों में पहले स्टेशनों को ऑनलाइन लाने की योजना है। यह नेटवर्क 2016 के अंत से पहले भारत में सबसे व्यस्त स्टेशनों में से 100 को कवर करने के लिए तेजी से विस्तार करेगा, और उसके बाद शीघ्र ही शेष स्टेशन कवर होंगे।
जब मात्र पहले 100 स्टेशन ऑनलाइन होंगे, तब भी इस परियोजना के माध्यम से हर दिन 1 करोड़ से अधिक लोगों के लिए वाई-फाई उपलब्ध होगा। यह भारत में सबसे बड़ी सार्वजनिक वाई-फाई परियोजना होगी और संभावित उपयोगकर्ताओं की संख्या के दृष्टी से विश्व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में गिनी जाएगी । यह वाई-फाई तेज़ भी होगा - भारत में अधिकतम लोग आज जो उपयोग करते हैं, उसकी तुलना में कई गुना तेज़ । इस से यात्री जितनी देर प्रतीक्षा कर रहे हैं, उतनी देर में एक उच्च परिभाषा ,वीडियो स्ट्रीम, कर पाएंगे, अपने गंतव्य के बारे में कुछ अनुसंधान कर पाएंगे या कुछ वीडियो, एक पुस्तक या एक नया खेल डाउनलोड कर पाएंगे। सबसे अच्छी बात, यह सेवा आरम्भ में निशुल्क होगी और भविष्य में इसे आत्मनिर्भर बनाने का दीर्घकालीन लक्ष्य है, ताकि रेलटेल और अधिक भागीदारों के साथ अधिक स्टेशनों और अन्य स्थानों में इसका विस्तार किया जा सके।
इस नक्शे में वो पहले 100 स्टेशन दर्शाये गए हैं जहाँ 2016 के अंत तक उच्च गति वाई-फाई होगा |
पर यह मात्र एक अंश है । अधिक भारतीयों को सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाले 'स्मार्टफोन्स' प्राप्त करने के लिए, जो अधिकतम लोगों के लिए इंटरनेट का उपयोग प्राथमिक प्रयास है, हमने गत वर्ष एंड्राइड वन फ़ोन लांच किया था । सीमित बैंडविड्थ की चुनौतियों से निपटने में सहायता करने के लिए, हम हाल ही में मोबाइल वेब पृष्ठों को तेजी से और कम डेटा के साथ लोड करने की सुविधा लाये हैं, यूट्यूब ऑफ़लाइन उपलब्ध बनाया है और ऑफलाइन मैप्स जल्द ही आने वाला है।
भारतीयों, जिनमे से कई अंग्रेजी नहीं बोलते, के लिए वेब सामग्री और अधिक उपयोगी बनाने में सहायता करने के लिए और अधिक स्थानीय भाषा की सामग्री को बढ़ावा देने के लिए हमने गत वर्ष भारतीय भाषा इंटरनेट एलायंस प्रस्तुत किया है, और हमारे उत्पादों में अधिक से अधिक स्थानीय भाषा समर्थन का निर्माण किया है - हिंदी वॉयस खोज, उन्नत हिंदी कीबोर्ड और एंड्राइड के नवीनतम संस्करण में सात भारतीय भाषाओं के लिए समर्थन में सुधार । और अंत में, सभी भारतीयों को कनेक्टिविटी का लाभ लेने में मदद करने के लिए, हमने महिलाओं, जो कि आज भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का सिर्फ एक तिहाई भाग हैं, की सहायता करने में अपने प्रयास और तेज़ किये हैं, ताकि वे वेब से अधिकतम लाभ उठा सकें।
हज़ारों युवा भारतीय हर दिन चेन्नई सेंट्रल से निकलते हैं, जैसे मैं कई वर्ष पूर्व निकलता था, सीखने और जानने के लिए उत्सुक, और अवसर की खोज में । मेरी आशा है कि यह वाई-फाई परियोजना इन सब बातों को थोड़ा आसान कर देगी।
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यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता
व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली
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Sunday, September 27, 2015
फेसबुक मुख्यालय पर मोदी
फेसबुक मुख्यालय पर मोदी -
फेसबुक वॉल पर मोदी ने लिखा -अहिंसा परमोधर्म, सत्यमेव जयते, वन्देमातरम, माँ के बारे में कहा, "माता यह नहीं देखती बेटा कुछ बन जाये, अपितु बेटा क्या बने कैसे बने उसके लिए सारा जीवन समर्पित कर देती है। महिला सशक्तिकरण पर कहा, विश्व में भगवान पुरुष रूप में है किन्तु भारत में सदा से महिला देवी के स्थान पर पूजी गई हैं। समय के साथ समाज में दोष आये हैं, उन्हें दूर करना है। हमने पिता के साथ माता का नाम भी लिखने की व्यवस्था की है। बैंक राष्ट्रीयकरण के 40 वर्ष में जो नहीं हुआ, अब 100 दिन में 18 करोड़ बैंक खाते खुले हैं। आज विश्व बैंक का भारत के प्रति दृष्टिकोण भी सकारात्मक हुआ। ऐसी अनेक उपलब्धियां गिनाते हुए, अंत में अपने विकास में अपनी माता की भूमिका त्याग का उल्लेख करते भावुक हुए मोदी।
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलकफेसबुक वॉल पर मोदी ने लिखा -अहिंसा परमोधर्म, सत्यमेव जयते, वन्देमातरम, माँ के बारे में कहा, "माता यह नहीं देखती बेटा कुछ बन जाये, अपितु बेटा क्या बने कैसे बने उसके लिए सारा जीवन समर्पित कर देती है। महिला सशक्तिकरण पर कहा, विश्व में भगवान पुरुष रूप में है किन्तु भारत में सदा से महिला देवी के स्थान पर पूजी गई हैं। समय के साथ समाज में दोष आये हैं, उन्हें दूर करना है। हमने पिता के साथ माता का नाम भी लिखने की व्यवस्था की है। बैंक राष्ट्रीयकरण के 40 वर्ष में जो नहीं हुआ, अब 100 दिन में 18 करोड़ बैंक खाते खुले हैं। आज विश्व बैंक का भारत के प्रति दृष्टिकोण भी सकारात्मक हुआ। ऐसी अनेक उपलब्धियां गिनाते हुए, अंत में अपने विकास में अपनी माता की भूमिका त्याग का उल्लेख करते भावुक हुए मोदी।
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