न दि, 28 मई (तिलक)। वाशिंगटन में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (प.आ.स./एनएसजी) का सदस्य बनने के भारत के प्रयास का विरोध कर रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने झिड़कते हुए कहा है कि यह हथियारों की दौड़ के बारे में नहीं, बल्कि परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के बारे में है। अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह हथियारों की दौड़ के बारे में नहीं है और यह परमाणु हथियारों के बारे में भी नहीं है। यह परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण असैन्य उपयोग के बारे में है, और इसलिए हम निश्चित रूप से आशा करेंगे कि पाकिस्तान इसे समझेगा।’’
वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (प.आ.स.) की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन और पाकिस्तान द्वारा इसका विरोध किए जाने के बारे में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। पाकिस्तान का कहना है कि प.आ.स. में भारत की सदस्यता से क्षेत्र में परमाणु हथियारों की दौड़ बढ़ेगी। जबकि, अमेरिका ने 48 सदस्यीय प.आ.स. की महत्वपूर्ण बैठक से पूर्व कहा है कि वह चाहता है कि भारत के प्रयास में कोई बाधा न आए।
जबकि अमेरिका 48 देशों वाले प.आ.स. की महत्ती बैठक से पूर्व सब कुछ अच्छा होने की कामना कर रहा है। टोनर ने कहा, ‘‘देखिए, मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि राष्ट्रपति बराक ओबामा की वर्ष 2015 में हुई भारत यात्रा के मध्य उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि अमेरिका मानता है कि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था की अनिवार्यताओं को पूरा करता है और सदस्यता के लिए तैयार है। किन्तु यह एक सर्वसम्मति वाली संस्था है इसलिए हम प्रतीक्षा करेंगे और देखेंगे कि मत किस ओर जाते हैं।’'
उन्होंने कहा, ‘‘एनएसजी में नए सदस्यों के शामिल होने की संभावनाओं पर चर्चा वर्तमान सदस्यों का आंतरिक मामला है। मुझे लगता है कि वे नियमित रूप से बैठकें करते हैं और इससे आगे मुझे कुछ नहीं कहना है।’’ प.आ.स. की आगामी बैठक इस उद्देश्य के लिए नहीं रखी गई है। टोनर ने कहा, ‘‘यह कोई विशेष बैठक नहीं है। मेरा मानना है कि इसे प्रमुख रूप से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नहीं बुलाया गया है।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने अपनी रूचि को सार्वजनिक कर दिया है और निश्चित रूप से कोई भी देश सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। हम सर्वसम्मति से लिए निर्णय के आधार पर ध्यान करेंगे।’'
अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत,
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विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक
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